बात बड़ी रूमानी हैं
जो आज कविता लिखता हूँ वह दिल मैं यूं छप जाएगी , क्योंकि जो बात हमारी बातों मैं वह बात बड़ी रूमानी हैं , लहराती सी मस्त हवाये कानो मैं कुछ कह जाती हैं , बचपन की वह याद दिला कर फिर आंसूं छलकाती हैं| आज महंगी महंगी क्रीम लगाते , पहले मिटटी मैं सन जाते थे , कोल्ड ड्रिंक की बोतल वाले बंटा से खुश हो जाते थे, बीती बातें याद करूँ तो कुछ चीज़े हसाती हैं , और फिर कुछ यादें झट से यूँ ही पलकों को भिगाती हैं , अब बहुत मुश्किल से होता हैं, गुज़ारा ऐसी यादों मैं, पल पल घुटता पल पल सांस लेता वह बंद दीवारों मैं| बरसों बीत गए हमको अब इकठ्ठा करते करते यादें , अब हर तिनके को बेफिक्र उड़ने को मन करता है, हर तनहा तनहा लम्हे को पी जाने का मन करता हैं, बात मेरी तुम पूछ रहे हो किस से जाने -अनजाने मैं, बात पलट कर बात करो तो इस बात मैं छुपी कहानी हैं, जो बात हमारी बातों मैं वह बात बड़ी रूमानी हैं | समझाने की यह बात नहीं हैं समझ तो खुद ही जाओगे तुम, रात को रोते रोते सुबह झूटी हँसी दिखाओगे तुम, जब कमरे की हर एक दरार तुम्हे "बाई हार्ट" रट जाती हैं, जब धीरे धीरे सारी ...