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Showing posts from November, 2016

बात बड़ी रूमानी हैं

जो आज कविता लिखता हूँ वह दिल मैं यूं छप जाएगी , क्योंकि जो बात हमारी बातों मैं वह बात बड़ी रूमानी हैं , लहराती सी मस्त हवाये कानो मैं कुछ कह जाती हैं , बचपन की वह याद दिला कर फिर आंसूं छलकाती हैं| आज महंगी महंगी क्रीम लगाते , पहले मिटटी मैं सन जाते थे , कोल्ड ड्रिंक की बोतल वाले बंटा से खुश हो जाते थे, बीती बातें याद करूँ तो कुछ चीज़े हसाती हैं , और फिर कुछ यादें झट से यूँ ही पलकों को भिगाती हैं , अब बहुत मुश्किल से होता हैं, गुज़ारा ऐसी यादों मैं, पल पल घुटता पल पल सांस लेता वह बंद दीवारों मैं| बरसों बीत गए हमको अब इकठ्ठा करते करते यादें , अब हर तिनके को बेफिक्र उड़ने को मन करता है, हर तनहा तनहा लम्हे को पी जाने का मन करता हैं, बात मेरी तुम पूछ रहे हो किस से जाने -अनजाने मैं, बात पलट कर बात करो तो इस बात मैं छुपी कहानी हैं, जो बात हमारी बातों मैं वह बात बड़ी रूमानी हैं | समझाने की यह बात नहीं हैं समझ तो खुद ही जाओगे तुम, रात को रोते रोते सुबह झूटी हँसी दिखाओगे तुम, जब कमरे की हर एक दरार तुम्हे "बाई हार्ट" रट जाती हैं, जब धीरे धीरे सारी

Yeh hain Zindagi by Abhinav

कुछ  तो   बात  हैं इन  हवाओं मैं ऐसे  नहीं लहराते  थे पौधे पहले  आज मुस्कुराते  हुए देखा मैंने पेड़ो  को  शायद  कहना  चाहते  थे  ख़ुशी  दूर नहीं  हैं  प्यारे  इस  दुःख  के  अंधरे  मैं  आज  पक्षियों  को  कहते  सुना  मैंने  चलो  उड़  चलते  हैं  फिर  एक  बार  उस  उची  चट्टान  पे  उसी  बड़ी  चट्टान  पे  जहा  रहते  थे  तुम .कभी  कभी  रहते  थे  तुम  उस  उचे  अस्मा  मैं  वह  रास्ता  अब  सुनसान  हैं  कोई  चलता  था  वहां  वही  अब  उस  मंज़िल  से  अनजान  हैं  हाँ  अब  समझ  आता  हैं  फर्क  दर्द  धोखे  और  ज़ख्म  का  ज़ख्म  भर  भरके  छूप  जाता  हैं  धोका  छिपाये  नहीं छिपता हो  कोई  दावा  इस  दर्द  की  भी  बड़ी  महँगी  होगी  मुझे  मालूम  हैं  क्योंकि  दर्द  ही  सिर्फ  सस्ते  होते  हैं  उन्हें  छुपाना  हैं  मेहेंगा  और  नहीं  आसान  हैं  कौन .कहता  हैं  तारे  नहीं  बोलते  मैं  रोज़  रात  सुनता  हूँ  उनकी  वह  धीमी  सी  हॅसी हस्ते  हैं  वह  मुझे  जागा देख  सोचते  होंगे  हमारी  तरह  कही  यह  भी  रात  का साथी  तो नहीं  दिखता होगा  उनको  पूरा  सब  सारा  यह  नज़ारा  मासूम  सी  उदासी

HURT by Abhinav Pandey

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I lay myself down today On the thorns of my misfortunes. I carry the burden of deep pain Everywhere this soul travels. One moment of grave sadness Takes away the feeling to feel the pain. Of all states, I love the most, Is of solitude and incurable bane. Stars don't shine the same, They have faded with time Time faded their twinkle Time faded their light, Moments of ugly truth Millions of miles away, Come to you without knocking Then break you down with pain. The only thing watching you today Is your shadow which is there when it’s all bright Of all the saddest things I’ve seen It’ll leave you on your darkest night. This bee stung me once They say the pain goes away If I could explain them again The sting and pain remain the same. Some day a light will come Piercing the dark clouds and those massive thunderbolts, Someday the stars will not age Someday the stars will shine again. Look down to that narrow lane once again